ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर दागीं मिसाइलें: क्या यह सिर्फ प्रतीकात्मक जवाब था? जानें हमले का असर और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे अल-उदीद पर मिसाइलें दागीं, लेकिन इस जवाबी कार्रवाई में कोई नुकसान नहीं हुआ। यह हमला अमेरिका और इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के जवाब में किया गया। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के इस मुख्यालय पर करीब 10,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं।

कतर सरकार और पेंटागन के अनुसार, सभी मिसाइलों को समय रहते नष्ट कर दिया गया, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को सीमित और प्रतीकात्मक बताया। ईरान ने कहा कि उसने उतनी ही मिसाइलें दागीं, जितनी बमबारी उसके परमाणु ठिकानों पर की गई थी। इराक के ऐन अल-असद बेस पर भी ईरान ने हमला किया, जहां अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं।
इससे पहले अमेरिका ने ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ के तहत ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों को नष्ट करने का दावा किया था, जबकि इजरायल ने भी तेहरान पर एयरस्ट्राइक की थी। इन हमलों में सैकड़ों नागरिकों की मौत और लाखों लोगों का विस्थापन हुआ।
ईरानी मीडिया ने इस हमले को जवाबी कार्रवाई की शुरुआत बताया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल प्रतीकात्मक कदम था, जिससे ईरानी जनता में भरोसा कायम किया जा सके। हमले के कुछ ही घंटों बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम की घोषणा की, जिसे शांति की दिशा में पहला कदम बताया गया।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस घटनाक्रम को लेकर चिंता गहराई है। रूस और यमन के हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी हमलों की आलोचना की है, जबकि यूरोपीय देशों ने दोनों पक्षों से बातचीत की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने संघर्ष के चलते आम नागरिकों के विस्थापन और नुकसान पर चिंता जताई है। ईरान के आंतरिक हालात भी तनावपूर्ण हैं और खाड़ी क्षेत्र में टकराव की आशंका बनी हुई है।
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